उत्तर प्रदेश प्र्शिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय को दी गयी है जिम्मेदारी
उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से बेरोजगार युवको को रोजगार देने के उद्देश्य से प्रत्येक विधान सभा क्षेत्र में रोजगार मेला लगाने का आदेश दिये गए है। नगर निकाय चुनाव समाप्त होने के बाद सरकार इस मिशन को पूर्ण करने की दिशा में कार्य करने की ओर अग्रसर है। प्रदेश के सभी 403 विधान सभा क्षेत्रों में रोजगार मेला के माध्यम से चार लाख तीन हजार युवक व युवतियों को रोजगार देने का लक्ष्य उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से रखा गया है।
उत्तर प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों में लगेगा रोजगार मेला
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार नए वित्तीय वर्ष 2023-24 में बेरोजगार युवकों के लिए नई योजना लेकर आयी है। अप्रैल माह में नगर निकाय चुनाव की वजह से बेरोजगार युवकों को रोजगार देने की योजना में लेट लतीफी हुई।
उत्तर प्रदेश सरकार की योजना शुरू से ही प्रत्येक परिवार से एक व्यक्ति को रोजगार देने की रही है। यह पिछले विधान सभा में चुनावी वायदा के रूप मेें भी खूब सुर्खियों में रहा। इस योजना को सरकार अब असली जामा पहनाने जा रही है। इसके लिए उत्तर प्रदेश के प्रत्येक विधान सभा क्षेत्र में रोजगार मेला का आयोजन किया जाएगा। जिसकी जिम्मेदारी प्र्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सौप दी गयी है। प्रशिक्षण एवं सेवायोजन विभाग उत्तर प्रदेश के सभी विधान सभा क्षेत्रों में रोजगार मेला का आयोजन करने जा रहा है। जिसमें यूपी के 403000 युवाओं को रोजगार दिया जाएगा। इसके अंतर्गत वही छात्र आवेदन कर सकते है जिन्होने हाईस्कूल, इण्टर मीडिएट, स्नातक, डिप्लोमा से लेकर परास्नातक की उपाधि प्राप्त की हो। सभी छात्रों को उनकी योग्यता के अनुसार कम्पनियों में आवेदन करने का अवसर प्राप्त होगा।
प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय की तरफ से प्रदेश के सभी 92 क्षेत्रीय व सभी जिले के सेवायोजन अधिकारी को मेला लगाने का निर्देश प्राप्त हुआ है। इस मेले में वही बेरोजगार युवक भाग ले सकेंगे, जिन्होंने सेवायोजन की वेबसाइट पर अपना रजिस्ट्रेशन कराया होगा। 18 से 40 वर्ष आयु के बेरोजगार युवक एवं युवती ही इस मेले में भाग ले सकेगी। इसके लिए बेरोजगार युवाओं को सेवायोजन विभाग की वेबसाइट पर पंजीयन कराना अनिवार्य होगा।
रोजगार देने वाली कम्पनियों को भी करना होगा सेवायोजन पोर्टल पर अनिवार्य रजिस्ट्रेशन
रोजगार मेला में आने वाले बेरोजगार युवको को नौकरी देने वाली कम्पनियों को भी सेवायोजन की वेबसाइट पर अपना रजिस्ट्रेशन कराने का निर्देश दिया गया है। जिससे बेरोजगार युवकों को नौकरी देने वाली कम्पनियों के बारे में सरकार पूरी तरह से जांच पूर्ण कर ले। ताकि प्राइवेट नौकरियांे में उत्तर प्रदेश के बेराजगार युवकों का भविष्य सुरक्षित रहे एवं उनके साथ किसी तरह की धोखाधड़ी ना हो सके। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की मंशा ये है कि छात्रों को उनकी योग्यता के अनुसार वेतन मिल सके एवं उनका भविष्य उज्जवल हो सके। इसके लिए सरकार पूरी तरह से कटिबद्ध है।
केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार विभाग ने शुरू की पहल
उत्तर प्रदेश के लाखों बेरोजगार युवकों को नौकरी देने के लिए केन्द्र सरकार ने भी केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार विभाग की ओर से नेशनल कैरियर सर्विस का गठन किया है। नेशनल कैरियर सर्विस में नौकरी देने के लिए केन्द्र सरकार की तरफ से नौ लाख कम्पनियों को जोड़ा गया है। ये सभी कम्पनियां 52 सेक्टर में विभाजित की गयी है। जो 27 हजार तरह की रोजगार देती है। केन्द्र सरकार की पहल पर प्राइवेट कम्पनियों में भी नौकरी पाने के लिए बेराजगारों को 92 सेवायोजन कार्यालयों में पंजीकरण कराना होगा। इससे राजधानी लखनउ समेत पूरे प्रदेश के पंजीकृत 45 लाख बेराजगार युवक एवं युवती को लाभ मिलेगा।
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