BED VS BTC 2023 LATEST NEWS
प्राइमरी शिक्षक बनने का सपना हर किसी का होता है क्योंकि यह पोस्ट होती है जिसमें हजारों में वैकेंसी आती है हजारों लोग इसमें शिक्षक बन जाते हैं उत्तर प्रदेश में बीते सालों 69500 हजार की दो-दो भर्ती आई थी इससे करीब 140000 लोग प्राइमरी शिक्षक बन गए प्राइमरी शिक्षक बनने की अर्हता बीएड और बीटीसी की थी जो छात्र ग्रेजुएशन के बाद बीएड या फिर बीटीसी किए रहते थे वह लोग प्राइमरी में शिक्षक बन जाते थे इसके लिए उनको यूपीटीईटी या सीटेट पास होना रहता था उसके बाद उनको सुपर टेट का परीक्षा देना होता था दो चरणों के पास करने के बाद वह प्राइमरी में अध्यापक बन पाते थे |
आखिर क्या है B.ed और बीटीसी का विवाद ( BED VS BTC 2023 LATEST NEWS)
बीटीसी छात्र B.ed को 2018 के एनसीटीई गजट में B.ed को शामिल करने में रुष्ट हो गए और वह B.ed को बाहर करने के लिए लगातार सुप्रीम कोर्ट में हाई कोर्ट में पिटीशन डालते रहे राजस्थान में रेट का पेपर हुआ वहां से राजस्थान सरकार और कुछ कथा कथित नेताओं ने बेड का विरोध किया और b.ed के बहुत से छात्र रेड परीक्षा देने से वंचित हो गए राजस्थान हाई कोर्ट ने भी बीटीसी छात्रों की बात मानी और बीएड के छात्रों को प्राइमरी भारती से बाहर कर दिया |
इससे राजस्थान के रहने वाले देवेश शर्मा नाम के अभ्यर्थी ने राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन डाली सुप्रीम कोर्ट में बीटीसी की तरफ से अच्छे-अच्छे वकीलों की फौजदारी और बेड के तरफ से भी वकीलों की फौजदारी लेकिन जस्टिस अनिरुद्ध बॉस ने 11 अगस्त को अपने दिए फैसले में B.ed को यह करते हुए बाहर कर दिया कि उनका करिकुलम प्राइमरी के बच्चों को पढ़ने लायक नहीं है इसलिए प्राइमरी में केवल बीटीसी छात्रों को ही मौका दिया जाए या फैसला आते ही पूरे देश में से 2 करोड़ B.ed अभ्यर्थियों को झटका लगा |
उत्तर प्रदेश सरकार क्या B.ed अभ्यर्थियों को देगी मौका
BED VS BTC LATEST NEWS;जैसा की उत्तर प्रदेश में बीएड और बीटीसी का मामला बहुत आगे जा चुका है यहां पर बीएड छात्रों ने इलाहाबाद रायबरेली आज जगह पर प्रदर्शन किया और उत्तर प्रदेश सरकार से मांग रखी की उनको प्राइमरी में शामिल किया जाए और केंद्र सरकार से भी मांग रखी क्यों बीएड अभ्यर्थियों के पक्ष में अध्यादेश लाई और सुप्रीम कोर्ट के फैसले को रद्द करें अब जैसा कि उत्तर प्रदेश में एक नया शिक्षा चयन आयोग बन रहा है और उत्तर प्रदेश सरकार ने अभी तक कोई भी निर्णय नहीं सुनाया है प्राइमरी शिक्षक भर्ती से संबंधित तो अभ्यर्थियों का यह कहना है कि,
उत्तर प्रदेश सरकार Cabinet में प्रस्ताव लाकर बीएड अभ्यर्थियों को उत्तर प्रदेश में होने वाले प्राइमरी शिक्षक भर्ती में शामिल करे लेकिन यह बहुत कठिन है की उत्तर प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ जाए क्योंकि आपको यह पता होना चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला हर राज्य के लिए लागू होता है सुप्रीम कोर्ट हमारे देश की सबसे बड़ी कोर्ट है अभी तक की बात की जाए तो यदि इस समय प्राइमरी की भर्ती आई है तो बीएड के छात्र उसको नहीं भर सकते हैं |

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B.ed और बीटीसी का मामला अब इस चल ही रहा था कि एनआईओएस से बीटीसी के छात्रों को झटका लगा और सुप्रीम कोर्ट ने उनको भी प्राइमरी शिक्षक भर्ती से बाहर कर दिया उत्तराखंड के छात्रों द्वारा दायर किया गए पिटीशन के पक्ष में फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस प्रशांत मिश्रा सर और जस्टिस कवि सर ने फैसला सुनाया की एनआईओएस डीएलएड अब पूरे देश में प्राइमरी भारती की योग्य नहीं है जैसा कि एनआईओएस डीएलएड 18 महीने का कोर्स है (NIOS DELED Supreme Court Judgement) इसलिए एनआईओएस डीएलएड और रेगुलर डीएलएड को एक नहीं माना जा सकता इसलिए अब प्राइमरी भर्ती में सिर्फ रेगुलर डीएलएड छात्र ही अप्लाई कर पाएंगे |
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Faq–
Que- IS B.ed Eligible in primary Teacher Vacancy ?
Ans- No